हिन्दू धर्म के अनुसार कितने युग हैं ?
पौराणिक कथाओ के अनुसार हमारे हिन्दू धर्म में चार युगों के बारे में बताया गया हैं , सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुग और कलयुग | इनमें से सतयुग सबसे पहला युग त्रेयतयुग उसके बाद वाला युग द्वापर उसके बाद और सबसे अंत में कलयुग आता हैं | अभी जिस युग में हम जी रहे हैं उसे कलयुग कहा जाता हैं | हर युग की अपनी एक अवधि होती हैं , और हर युग में पाप और पुण्य की अपनी एक सीमा होती हैं |
सतयुग
सतयुग को सबसे बड़ा युग कहा जाता हैं | इस युग का समय 17,28,000 वर्ष हैं | सतयुग को सबसे बड़ा युग कहा जाता हैं | इस युग में धर्म के चारों स्तम्भ थे , अर्थात इस युग में पुण्य पाप से बहुत अधिक था | इस युग में मनुष्य की आयु भी बहुत लंबी हुआ करती थी क्युकी इस युग में पाप ना के बराबर होता था तो इस युग में मनुष्यों का जीवन बहुत ही सुखद होता था | इस युग में मनुष्यों की औसत आयु 1 लाख वर्ष थी | इस युग में भगवान विष्णु ने वराह , क्रूम , मत्स्य और नरसिंह अवतार लिए थे और ये सभी अमानवीय अवतार थे | इस युग में मनुष्य की औसत उचाई 33 फुट थी | इस युग में पाप 0% और पुण्य 100% था |
त्रेतायुग
त्रेतायुग सतयुग के बाद वाला युग था | इस युग का समय 12,96,000 वर्ष था | इस युग में धर्म का एक स्तम्भ टूट गया था और इस युग में धर्म के तीन स्तम्भ थे | क्युकी इस युग में पाप बढ़ने लगा था | इस युग में मनुष्यों की औसत आयु 10,000 वर्ष थी | इस युग में मनुष्यों की औसतन उचाई 21 फुट थी | इस युग से मनुष्यों में पाप बढ़ने लगा था | इस युग में भगवान विष्णु ने परशुराम , वामन , श्रीराम लिए थे | इस युग में रावण जैसे असुरों का वध करने के लिए भगवान को धरती पर आना पड़ा था | इस युग में पाप 25% और पुण्य 75% था |
द्वापरयुग
द्वापरयुग तीसरे स्थान पर आता हैं | इस युग का समय 8,64,000 वर्ष हैं | इस युग में धर्म का एक और स्तम्भ टूट जाता हैं और दो स्तम्भ रह जाते हैं क्युकी इस युग में पाप और पुण्य दोनों ही बराबर होते हैं | इस युग में मनुष्यों की औसतन आयु 1000 वर्ष होती थी | इस युग में मनुष्यों की औसतन उचाई 10 फुट होती हैं | इस युग में भगवान विष्णु ने पापियों का संघार करने के लिए श्रीकृष्ण का अवतार लिया था , जोकि देवकि और वासुदेव की संतान थी | जिन्हे पाला नंदराय और यशोदा ने था | इसी युग में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था और महाभारत का विशाल युद्ध भी इसी युग में हुआ था | इस युग में पाप 50% और पुण्य भी 50% था |
कलयुग
अभी हम जिस युग में रहते हैं उसे कलयुग कहते हैं | इस युग का समय 5,32,000 वर्ष हैं | जिसमें में से अभी सिर्फ 5000 वर्ष ही बीते हैं | इस युग में पुण्य की तुलना में पाप बहुत अधिक हैं | इस युग में पाप 75% और पुण्य केवल 25% हैं , जोकि कलयुग के अंत में 0% हो जाएगा और हर जगह अधर्म का ही बोलबाला होगा | तब भगवान विष्णु अपना अंतिम अवतार कल्कि लेंगे जोकि दुष्टों का संहार करेंगे और इस धरती को पाप मुक्त करेंगे | इस युग में मनुष्यों की औसत आयु 100 वर्ष हैं लेकिन जैसे जैसे ये युग खत्म होता जाएगा मनुष्यों की आयु भी छोटी होती जाएगी और अंत में मनुष्यों की आयु केवल 12 या 13 वर्ष ही रह जाएंगे और उचाई सिर्फ 3 या 4 फुट ही रहेगी | अभी मनुष्यों की औसतन उचाई 5.5 फुट हैं | इस युग में पाप अपनी चरम सीमा पर होगा |
जैसे जैसे सतयुग से हम नीचे आते हैं तो आपने देखा होगा कि युगों की अवधि भी छोटी होती गई और कलयुग की अवधि तो सबसे छोटी हैं | ऐसा इसलिए हैं क्युकी पाप से भरा युग अगर ज्यादा समय तक रहेगा तो धरती में हाहाकार मच जाएगा , इसलिए भगवान ने कलयुग को सबसे छोटा युग और सतयुग को सबसे बड़ा युग किया हैं | और ये क्रम हमेशा रहता हैं , कलयुग के बाद फिर सतयुग आएगा और फिर त्रेतायुग , द्वापरयुग और कलयुग आएगा और भगवान हर युग में अवतार लेते रहेंगे |
तो ये था हमारा आज का ब्लॉग चार युगों के ऊपर आपको ये ब्लॉग पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएँ और हमारी वेबसाईट Knowledge book stories को भी जरूर फॉलो करे | धन्यवाद |
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